Fikre Deen


"अस्सलामो आलेकुम,


Youth MinhaJ U To H


 "हर इंसान को ज़िंदगी मे कोई अच्छा काम करना चाहिए खास कर एक मुसलमान को । यूं तो आते है दुनिया मे सब लोग मरने के लिए लेकिन मोत उस की है जिस का ज़माना अफसोस करेदोस्तों आज के दोरए फ़ितन मे एक आम इंसान बड़ी मेहनत से अपने अहलो अयाल की ज़िंदगी को सावरने की कोशिश मे लगा रहता है और चाहता है की उस की औलाद आला तालिम से मालामाल tहोजाय और कोई मक़ाम हासिल करे चूंकि जदीद तालिम महंगी ओर मुश्किल है इस बिना पर आवाइल दोर 3 से 10 साल का जो होता है वो इल्मे दिन सीखने का होता है वो उस वक़्त सही दर्स हासिल नहीं कर पता है और सिर्फ काम चलाऊ दीन ही ले पता है नमाज़ वज़ू गुसल रोज़ा तक ज्यादा हुआ तो क़ुरान तक तो होता ये है की दीने इस्लाम का सारा इल्म अरबी या उर्दू मे है ओर इन ज़बानों तक उस की रसाई है नहीं तब वो अधूरे इल्म के सहारे ही आगे का सफर ते करता है दूसरा उस को महोल भी मयस्सर नहीं अब या तो वो गुमराह होगा या वो इंटरनेट से अपनी तलब हासिल करेगा वहाँ उस को ज्यादा खतरा है क्यू की वो सही और गलत की तमीज़ नहीं जनता है तो या तो वो सही (मिनहाज ) हासिल करले गा या पूरा गुमराह होकर मुरतद होजाएगा और मुरतद होने का उसे पता भी नहीं चलेगा नतीजतन वो अपने वालदेन के साथ अपनी अनेवाली नस्लों को भी गुमराही पर गामज़न करेगा । हमारी
नोजवाँ नस्लों के साथ एसा हो क्या हम और आप एसा चाहते है?
 "अगर नहीं तो मिनहाज की कोशिश को अपनी फिक्र बनैये"👍Please click here to gud vedio

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