हम जानते हैं कि एक दिन मृत्यु जरूर होगी, इसीलिए इसका सामना समझदारी से करना चाहिए


कहानी- महाभारत में पांडवों का वनवास चल रहा था। एक दिन घूमते-घूमते थक गए तो वे एक जगह आराम करने के लिए रुके। सभी को प्यास लग रही थी तो युधिष्ठिर ने चारों भाइयों को एक-एक करके पानी की व्यवस्था करने के लिए भेजा। लेकिन, चारों भाई वापस नहीं आए तो युधिष्ठिर अपने भाइयों को खोजने के लिए निकल पड़े।

कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक सरोवर दिखाई दिया। सरोवर के किनारे पर भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव मृत्यु की अवस्था में पड़े हुए थे। युधिष्ठिर सरोवर की ओर बढ़े तो वहां एक यक्ष प्रकट हो गया। यक्ष ने कहा, 'अगर तुम मेरे सरोवर का पानी पीना चाहते हो तो पहले मेरे प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। तुम्हारे भाइयों ने मेरी बात नहीं मानी और प्रश्नों के उत्तर दिए बिना ही पानी पी लिया इसीलिए इनकी ऐसी दशा हो गई है। अगर तुम मेरे प्रश्नों के उत्तर दे दोगे तो तुम्हारे चारों भाई फिर से जीवित हो जाएंगे और तुम पानी भी पी सकते हो।'

यक्ष ने कई कठिन प्रश्न पूछे थे। युधिष्ठिर ने सभी के जवाब धैर्य के साथ बहुत ही अच्छी तरह से दे दिए। तब यक्ष ने अंतिम प्रश्न पूछा, 'संसार में आश्चर्य क्या है?'

युधिष्ठिर ने उत्तर दिया, 'हर रोज लोग मरते हैं, सभी अपने आसपास कई लोगों को मरते हुए देखते हैं। फिर भी लोग मृत्यु को समझते नहीं हैं, बल्कि इससे बचना चाहते हैं। एक दिन सभी की मृत्यु होनी है। मुझे सबसे आश्चर्यजनक घटना यही लगती है कि सबको मरता हुआ देखकर भी इंसान ये समझ नहीं पाता कि एक दिन मरना ही है तो इससे घबराना नहीं चाहिए।'

यक्ष युधिष्ठिर के जवाबों से संतुष्ट हो गया और चारों पांडवों को जीवित कर दिया।

सीख- हमें भी ये बात समझनी चाहिए कि जीवन तो जीएं, लेकिन मृत्यु से डरें नहीं। इसे समझें, एक दिन सभी की मृत्यु होनी ही है। ये अटल सत्य है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, mahabharata story, yudhishthir and yaksha, life management tips by pandit vijayshanakar mehta

Comments

Popular Posts

Information About COVID-19