बेगर्ज़ अमल  दीन की रोशनी मै 

"ईमान के दायरे मे मुसलमानों को कोई अच्छा काम करते रहना चाहिये इनफ़िरादी तोर पर हो या इजमाई बहरहाल इंसानियत की फलाह ओ बहबुद के लिए ज़रूर कुछ करते रहना चाहिए काम मूनज़म तरीके से हो मुसलसल हो असबाती अंदाज़ मे हो की जहां किसी भी दीगर अफराद से किसी तरह का कोई टकराव पेश न आए खास कर सियासी मज़हबी (मसलकी)कोई भी मज़हब व सियासत को मोज़ू ए सुखन ना बनाए बस एक ही मकसद हो की हम से हमारा रब हर हाल मे राज़ी होजाये और एक खूबसूरत माशरा तशकिल पाए" !👍

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