2021 में आयोजन चार के बजाय दो माह का; रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, मेले में प्रवेश से पहले कोरोना टेस्ट पर विचार
(मनमीत) 12 साल में होने वाला हरिद्वार महाकुंभ इस बार 11वें साल यानी वर्ष 2021 में होने जा रहा है। मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में बृहस्पति आने पर महाकुंभ होता है। वर्ष 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं रहेंगे। इसलिए इस बार आयोजन एक साल पहले हो रहा है। ऐसे में दो चुनौतियां हैं। पहली, सभी निर्माण कार्य जल्द पूरे होने हैं।
दूसरा, कोविड-19 महामारी के दौर में यह पहला बड़ा धार्मिक समागम होगा। इसके चलते ही इसकी अवधि चार से घटाकर दो माह कर दी गई है। अब यह 11 मार्च से 27 अप्रैल तक चलेगा। आम तौर पर यह 14 जनवरी से शुरू हो जाता है। मेलाधिकारी दीपक रावत बताते हैं कि सभी काम तय समय पर हो जाएंगे।
पहली बार शाही स्नान में हुजूम के बजाय चुनिंदा संत शामिल होंगे
- सोशल डिस्टेंसिंग से स्नान: श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग से स्नान कराने के लिए पहली बार सामान्य घाटों के साथ प्राकृतिक घाट इस्तेमाल होंगे। प्लास्टिक से तैयार इन घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग की जा रही है। अब तक बाहरी श्रद्धालु 50 से अधिक घाटों पर स्नान करते आए हैं। इस बार गंग नहर के घाटों पर भी स्नान कराया जाएगा। वहीं पहली बार शाही स्नान में चुनिंदा संत शामिल होंगे।
- प्रवेश से पहले रजिस्ट्रेशन, एंटीजन टेस्ट संभव : पहली बार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मेले में प्रवेश से पहले एंटीजन टेस्ट पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में गंगा में डुबकी से पहले कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
- अस्थाई पुल घटे : मेला क्षेत्र में पिछले साल 18 स्थानों पर 32 अस्थाई पुल बने थे। इस बार 3 जगह 5 अस्थाई पुल बनाए जाएंगे।
महाकुंभ से पहले तैयार हो जाएगा चारधाम रोड
उधर, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह का कहना है कि चारधाम यात्रा मार्ग का काम तेजी से चल रहा है। यमुनोत्री मार्ग ग्रीन जोन में आता है और सैंसटिव जोन है। कोरोना के चलते भी काम प्रभावित हुआ है। हालांकि अब सारी अड़चनें दूर कर ली गई हैं। काम भी तेजी से चल रहा है।
मंत्रालय की कोशिश है कि महाकुंभ से पहले काम पूरा कर लिया जाए। इससे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा भी सुविधाजनक तरीके से कर सकेंगे।
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