MP के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. प्रभुराम ने स्वीकारा- नवंबर के तीसरे सप्ताह में ही आ गई कोरोना की दूसरी लहर


मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा- नवंबर के तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण के केस अचानक बढ़ गए। पहले और दूसरे सप्ताह में इसके संकेत मिलना शुरू हो गए थे, लेकिन इसके बाद प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक दिन में 1500 से ज्यादा होने लगे तब यह स्पष्ट हो गया कि संक्रमण एक बार फिर पैर पसार रहा है।

उन्होंने कहा कि नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में यह आंकड़ा 1 हजार से नीचे था। ऐसे में अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। यही वजह है कि भोपाल, इंदौर सहित जिन जिलों में कोरोना केस बढ़े हैं, वहां नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के 60% पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं। लेकिन स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें अस्पताल में इलाज उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था है।

सवाल: लगातार नए केस बढ़े हैं। वेंटिलेटरों की डिमांड है, कितनी तैयारी है, बेड कम तो नहीं पड़ेंगे?

चौधरी: वेंटिलेटर की व्यवस्था जिला मुख्यालय, खासकर कोविड सेंटर में पर्याप्त है। सरकार की तरफ से कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। लगातार मॉनिटरिंग हो रही है।

सवाल: दिसंबर में संक्रमण बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। सरकार की रणनीति क्या है?

जवाब: रणनीति सिर्फ यही है कि संक्रमण को रोका जाए। इसके लिए जनता का सहयोग जरूरी है। कोरोना की गाइडलाइन का पालन प्रदेशवासियों को करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के कई जिलों में जुर्माना भी लगाया गया है।

सवाल: भारत बायोटेक की को-वैक्सीन का ट्रायल प्राइवेट कॉलेज में हो रहा है, सरकारी मेडिकल कॉलेज जीएमसी (गांधी मेडिकल कॉलेज ) को अब तक अनुमति नहीं मिली, क्या कमियां रह गईं?

जवाब: देश में जो कंपनियां वैक्सीन पर काम कर रहीं हैं, वे तय करती हैं कि इसका ट्रायल किस कॉलेज में किया जाएगा। सवाल गांधी मेडिकल कॉलेज को लेकर है तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि क्यों इस कॉलेज में ट्रायल नहीं हो पा रहा है। इसकी जानकारी विभाग के अफसरों से ली जाएगी।

सवाल: वैक्सीन की प्राथमिकता क्या होगी। सबसे पहले किसे देंगे। फिर क्या क्रम रहेगा। निजी कंपनियां को वैक्सीन बेचने की अनुमति मिलती है तो इसके दाम पर कंट्रोल कैसे रहेगा?

जवाब: इसके लिए गाइडलाइन केंद्र सरकार बना रही है। वैक्सीन की उपलब्धता पर यह ज्यादा निर्भर करेगा कि सरकार की प्राथमिकता क्या होगी। हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर ही काम होगा।

सवाल: वैक्सीन आने पर क्या उसे सभी को फ्री लगाया जाएगा या सरकार ने कोई व्यवस्था बनाई है।

जवाब: अभी वैक्सीन आई नहीं है। जब उपलब्ध हो जाएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सवाल: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अस्थाई रूप से कर्मचारियों को रखा गया था, लेकिन अब उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। वह भी ऐसे समय में जब संक्रमण बढ़ा है।

जवाब: मेरे संज्ञान में यह मामला आया है। इस बारे में विभाग के अफसरों से बात करके वस्तुस्थिति की जानकारी लूंगा।



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मप्र के स्वास्थ्यमंत्री डाॅ. प्रभुराम ने कहा कि प्रदेश के 60% पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं। स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें अस्पताल में इलाज उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था है।

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