शहीद-ए-आजम भगत सिंह और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्मदिन; दो साल पहले सबरीमाला में महिलाओं की इंट्री को लेकर आया था फैसला
आज तीन शख्सियतों का जन्मदिन है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह और सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ-साथ भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा का भी आज जन्मदिन है।
सबसे पहले, बात शहीद-ए-आजम की
भगत सिंह का जन्म 28 सिंतबर 1907 को पाकिस्तान के लायलपुर जिले में बंगा में हुआ था। अप्रैल 1919 में जब वे अपने परिवार के साथ अमृतसर के जलियांवाला बाग गए तो वहां के हत्याकांड ने उनमें क्रांति के बीज बो दिए। बचपन लाहौर में बीता। पढ़ने-लिखने के शौक की वजह से यूरोप के अलग-अलग देशों में हुई क्रांति से परिचय हुआ। किशोर वय में समाजवादी सोच जगी, और धीरे-धीरे कुछ संगठनों से जुड़ गए।
1928 में लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ जुलूस के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों के लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय की मौत हो गई। पंजाब में लाला जी का खासा प्रभाव था। उनकी मौत ने भगत सिंह को झकझोर दिया और उन्होंने साथियों शिवराम राजगुरु, सुखदेव ठाकुर और चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले जेपी सौंडर्स को गोली मारी।
फिर, ट्रेड डिस्पुट कानून के खिलाफ विरोध दर्शाने के लिए सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में ऐसे स्थान पर बम फेंका, जहां कोई नहीं था। 7 अक्टूबर 1930 को भगत सिंह को उनके साथियों के साथ सजा सुनाई गई। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया गया।
फिल्मों में अभिनय से शुरू हुआ था लता का सफर
भारतरत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इन्दौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती के घर हुआ। लता के पिता मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि मां गुजराती थीं। बचपन से ही लता को घर में गीत-संगीत और कला का माहौल मिला और वे उसी ओर आकर्षित हुईं। पांच वर्ष की उम्र से ही लता को उनके पिता संगीत का पाठ पढ़ाने लगे।
1942 में पिता की मौत के बाद लता पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। तब लता ने हिंदी-मराठी फिल्मों में अभिनय भी किया। मराठी फिल्मों में गाना भी शुरू किया। तब से शुरू हुआ सिलसिला कुछ साल पहले तक जारी रहा। उन्होंने 20 भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। 2001 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया।
इससे पहले पद्मभूषण (1969), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1989) और पद्म विभूषण (1999) से पुरस्कृत किया गया। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और आठ बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी स्थापित किया है।
आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी जाना जाता है...
- 1838ः भारत में मुगलों का अंतिम सम्राट बहादुरशाह जफर की ताजपोशी। पिता की मृत्यु के बाद सिंहासन पर बैठे।
- 1887ः चीन के ह्वांग-हो नदी में बाढ़ से करीब 15 लाख लोग मरे।
- 1923ः इथोपिया ने राष्ट्र संघ की सदस्यता छोड़ी।
- 1928ः अमेरिका ने चीन की राष्ट्रवादी च्यांग काई-शेक की सरकार को मान्यता दी।
- 1950ः इंडोनेशिया संयुक्त राष्ट्र का 60 वां सदस्य बना।
- 1958ः फ्रांस में संविधान लागू हुआ।
- 1977: जापानी रेड आर्मी ने जापान एयरलाइंस के एक विमान को भारत के ऊपर हाईजैक कर लिया। 156 लोग उसमें सवार थे।
- 1982ः भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का जन्म। अगस्त-2008 में बीजिंग ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
- 1994ः एतोमिया के जल पोत के तुर्क सागर में डूब जाने से 800 लोगों की मृत्यु।
- 1997ः अमेरिकी अंतरिक्ष शटल अटलांटिक रूसी अंतरिक्ष केन्द्र 'मीर' से जुड़ा।
- 2000ः सिडनी ओलम्पिक में 200 मीटर की दौड़ के स्वर्ण पदक का ख़िताब मोरियाना जोंस तथा केंटेरिस ने जीता।
- 2001ः अमेरिका व ब्रिटिश सेना एवं सहयोगियों ने 'ऑपरेशन एंड्योरिंग फ़्रीडम' प्रारम्भ किया।
- 2002: लखनऊ में राजनीतिक रैली में भाग लेकर लौट रहे हजारों लोगों के बीच रेलवे स्टेशन पर बगदड़। 14 लोगों की मौत।
- 2003ः यान रूस की धरती पर सुरक्षित उतरा।
- 2004ः विश्व बैंक ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहा।
- 2006ः जापान नव निर्वाचित एवं 90वें प्रधानमंत्री के रूप में शिंजो आबे ने शपथ ली।
- 2007ः मेक्सिको के तटीय क्षेत्रों में चक्रवर्ती तूफान लोरेंजो ने भारी तबाही मचाई।
- 2009ः स्टार खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा पैन पैसिफिक ओपन के पहले राउंड में हार के बाद बाहर हुई।
- 2015: भारत ने अपनी पहली स्पेस ऑब्जर्वेटरी और 6 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया।
- 2015: उत्तर भारत में मोहम्मद अखलाक को गोमांस खाने के संदेह के चलते गांववालों ने पीट-पीटकर मार दिया।
- 2016ः अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान और भारत ने इस्लामाबाद में नवंबर 2016 में होने वाले सार्क सम्मेलन में भाग लेने से इनकार किया।
- 2018ः सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी सदियों पुरानी पाबंदी को हटाया। हालांकि, बड़ी बेंच इस फैसले का रिव्यू कर रही है।
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